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मंगलवार, 26 अक्टूबर 2010

जब चाँद जमीं पर उतर आया हो

जब आसमाँ के चाँद से पहले
मेरा चाँद आ जाता है फिर
और क्या हसरत रही बाकी

हर हसरत को पंख मिल जाते हैं
परवाज़ बेलगाम हो जाती है
जब मोहब्बत रुहानी होती है
तब बिना कहे बात होती है
मेरा चाँद बिना बोले सब सुनता है
और एक बोसा रूह पर रखता है


उसकी प्रीत दीवानी सहेज लेती है
उसके प्रेम की तपिश को आगोश मे
उसके प्रेम की चाँदनी मे नहा लेती है
और प्रेम के हर रंग को पा लेती है
बताओ
अब कौन सी हसरत रही बाकी?
जब चाँद जमीं पर उतर आया हो
मेरा चाँद मुझमे ही नज़र आया हो

35 टिप्‍पणियां:

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

आज करवा चौथ है.. चाँद के बहाने प्रेम की पूजा.. भारतीय संस्कृति में प्रेम का अर्थ पति है.. अर्थात पति की पूजा.. दाम्पत्य जीवन में तमाम जह्न्झावातों के बीच प्रेम को पुनर्जीवित करने, स्वयं को समर्पित करने का त्यौहार ही होता है यह.. ऐसे में आज आपकी चाँद के बहाने कही गई कविता पति पत्नी के बीच के प्रेम को नया आयाम, नया अर्थ, नया क्षितिज दे रही है.. बहुत सुंदर... अदभुद !

नीरज गोस्वामी ने कहा…

लाजवाब रचना...आज के पावन पर्व पर सटीक कविता...वाह...

नीरज

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुहागिन का श्रंगार है ,
प्रियतम का इंतजार है ,
करवा चौथ के त्योंहार पर
बहुत अच्छा लिखा है.......वन्दना जी

बेनामी ने कहा…

बहुत ही प्यारी और ख़ूबसूरत सी रचना है...
इतने अच्छे लेखन के लिए बधाई स्वीकार करें...
करवा चौथ की भी शुभकामनाएं
मेरे ब्लॉग पर इस बार

अग्निपरीक्षा ....

vins ने कहा…

लाजवाब... बहुत सुंदर... :)

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पर्व को सटीकता प्रदान करती कविता।

Aruna Kapoor ने कहा…

चांद और प्रेम!.....शायद दुनिया में पहली कविता ने इसी भाव से प्रेरित हो कर जन्म लिया होगा!... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति!...धन्यवाद!

Dr.J.P.Tiwari ने कहा…

वंदन जी!
करवा चौथ के 'पावन पर्व' पर दाम्पत्य, ...नहीं नहीं सुखी और संतुष्ट दांपत्य जीवन का रहस्य खोलती एक ऐसी रचना जो जीवन में बहार ला दे. खुशियों की बहार, मधुमामास की नूतन एक नयी सौगात लादे, ऐसी तथ्यपरकता और दीप स्तम्भ बनने योग्य सम सामयिक रचना जिसकी टूटते जीवन और बिखरते दाम्पत्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, ....अनिवार्य्रूप से आवश्यक है. मै चाहुगा इस देश की महिलाए इसे पढ़े, कुछ गुने, कुछ तो अपनाए...जीवन स्वर्ग बन जाएगा. पति बड़ा भावुक प्रेमी होता है उसे मानना बहुत ही सरल है. ....काश आज सभी का दाम्पत्य सुखमय हो जाता.....बधाई ..मैं लेक्चर नहीं दे रहा अपनी बात कहने से रोक नहीं पाया खुद को ....साधुवाद धेरसारी बधाइयां आज के व्रत की......

Dr.J.P.Tiwari ने कहा…

वंदन जी!
करवा चौथ के 'पावन पर्व' पर दाम्पत्य, ...नहीं नहीं सुखी और संतुष्ट दांपत्य जीवन का रहस्य खोलती एक ऐसी रचना जो जीवन में बहार ला दे. खुशियों की बहार, मधुमामास की नूतन एक नयी सौगात लादे, ऐसी तथ्यपरकता और दीप स्तम्भ बनने योग्य सम सामयिक रचना जिसकी टूटते जीवन और बिखरते दाम्पत्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, ....अनिवार्य्रूप से आवश्यक है. मै चाहुगा इस देश की महिलाए इसे पढ़े, कुछ गुने, कुछ तो अपनाए...जीवन स्वर्ग बन जाएगा. पति बड़ा भावुक प्रेमी होता है उसे मानना बहुत ही सरल है. ....काश आज सभी का दाम्पत्य सुखमय हो जाता.....बधाई ..मैं लेक्चर नहीं दे रहा अपनी बात कहने से रोक नहीं पाया खुद को ....साधुवाद धेरसारी बधाइयां आज के व्रत की......

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

bahut sundar vandanaji badhai

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

very nice post

Deepak Saini ने कहा…

करवाँ चैथ के दिन चाँद की बात
बहुत अच्छी अभिव्यति
सामयिक रचना

रश्मि प्रभा... ने कहा…

chaand khud mein nazar aaya ... kya baat hai !

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

uttam din par uttam rachna

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

uttam din par uttam rachna

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत ही उम्दा ... आज दिल के भाव बहुत अच्छे से शब्दों में उतर रहे

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

करवा चौथ पर सुन्दर प्रस्तुति!
--
आपकी पोल्ट को बुधवार के
चर्चा मंच पर लगा दिया है!
http://charchamanch.blogspot.com/

अजय कुमार ने कहा…

करवाचौथ के सार्थक भाव को प्रस्तुत कर दिया ।

Dorothy ने कहा…

प्रेम पूर्ण अहसासों की बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर
डोरोथी.

अर्चना तिवारी ने कहा…

बहुत खूब...लाजवाब

rashmi ravija ने कहा…

बेहद प्यारी सी रचना...खासकर करवा चौथ के अवसर के अनुकूल.
बहुत बहुत शुभकामनाएं,करवा चौथ की.

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्‍तुति !!

shikha varshney ने कहा…

पावन पर्व पर सटीक रचना

बेनामी ने कहा…

so sweeeet......
:)

Kunwar Kusumesh ने कहा…

करवा चौथ के मौके पर इस कविता का स्वाद बढ़ गया.
बेहतरीन है.

कुँवर कुसुमेश

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

खूबसूरत अभिव्यक्ति!

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

खूबसूरत अभिव्यक्ति!

रंजना ने कहा…

वाह...

सचमुच ,और क्या चाहिए फिर...

भावपूर्ण सुन्दर अभिव्यक्ति...

अशोक कुमार मिश्र ने कहा…

शानदार रचना के लिए बधाई ....
इस करवाचौथ पर एकदम सटीक ....
धन्यवाद ......

अशोक कुमार मिश्र ने कहा…

http://nithallekimazlis.blogspot.com/

अशोक कुमार मिश्र ने कहा…

सटीक कविता इस पर्व पर थी .....
धन्यवाद ..........

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

बढ़िया..बेहतरीन रचना...बधाई वंदना जी सुंदर प्रस्तुति के लिए

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत प्रेमपगी अभिव्यक्ति ...

सुरेन्द्र "मुल्हिद" ने कहा…

khoobsurat rachna Vandana ji....

kya hua kya koi gustaakhi ho gayi hum se...kaafi din ho gaye hain, aapke mubaaraq qadam hamaare dar pe nahi aaye hain!!

intezaar rehta hai haesha aapka humein!

M VERMA ने कहा…

सटीक और लाजवाब